Wednesday, May 4, 2016

कौन हूँ मैं....

प्रतिक्रियाओ की अनुभूति पूछती है 
कौन हूँ मै ....
जलमग्न पृथ्वी पर एकलौता मनु हूँ मै ..
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अंत से अनंत को खोजता शून्य हूँ मै ..
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मानसिक क्रीडाओ सा अनभिग्य खेल हूँ मै
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थल से नभ का जोग हूँ मै 
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प्राथनाओं का प्रसाद या प्रासादों का विषाद हु मै
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हवाओं में घुलती सुगंध हूँ मै 
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प्रकृति से विभोर मन्त्र मुग्ध हूँ मै
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चिन्ताओ की चिता पर जलता अंगार हूँ मै
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अथाह शब्दों में जलमग्न मीन हूँ मै ...
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तिन लोक से उपर ब्रह्म में लीन हु मै ..!!

-Shez 

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