Wednesday, May 4, 2016

इक चुभन...

इक आश..
इक खलिश...
इक ख़्वाहिश...
इक अरमान...
कुछ बैचेनी...
कुछ दर्द...
कई सवाल...
कई ख़्वाब...
यही सब है..
जो घर कर गए हैं..
ज़हन में...
हर रोज जो चुभ से जाते है
ज़हन में...!!
-Shez 

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